कुछ करने की ठान लें तो वह कार्य हो ही जाता है। कुछ ऐसा ही प्रयास किया है सरगुजा साइंस ग्रुप ने, 5-5 हजार रुपये की छोटी लागत और आमजनों को साथ ले श्रमदान से तालाबों की स्थिति ही बदल डाली। इस अभियान में आमजनों ने भी खुल कर सहयोग किया। जल संरक्षित करने तालाबों का गहरीकरण कर उसकी सफाई की। सरगुजा साइंस ग्रुप के तत्वाधान में चल रहे प्रोजेक्ट वाटर के तहत जल संरक्षण अभियान अंतर्गत लुण्ड्रा विकास खंड के 7 तालाबों का संरक्षण किया गया, जिसके तहत सरगुजा साइंस ग्रुप एवं आमजनों के सहयोग से तालाबों का गहरीकरण, सफाई एवं अन्य कार्य सम्पन्न हुए। सरगुजा साइंस ग्रुप द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था, जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना। इस अभियान अन्तर्गत सर्वप्रथम लोगों के बीच कार्यक्रम आयोजित कर पोस्टर एवं पम्पलेट तथा चर्चा आयोजित कर जागरूक किया गया, जिसमें लगातार विकराल हो रही जल समस्या पर चर्चा की गई, जिसमें देश एवं विदेशों में अलग-अलग क्षेत्रों में जल समस्या से उत्पन्न हुई स्थिति की जानकारी पम्पलेट एवं पोस्टर से दी गई, साथ विभिन्न क्षेत्रों में जल संरक्षण को लेकर किये जा रहे कार्यों से भी अवगत कराया गया। लुण्ड्रा विकासखंड के 32 ग्राम पंचायतों के 50 से अधिक ग्रामों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर जल संरक्षण की जानकारी दी गई। इस दौरान ग्राम पंचायत ककनी, झेराडीह, दोरना, बरगीडीह, लमगांव के 7 तालाबों का गहरीकरण एवं सफाई किया गया, उक्त कार्य आमजनों के साथ संस्था द्वारा जेसीबी का उपयोग कर तालाबों का गहरीकरण किया गया एवं जनसहयोग से उसकी सफाई की गई। लोगों को जल संरक्षण को लेकर कई तरह की जानकारी दी गई, जिससे प्रेरित होकर लोगों ने कई स्थानों में देशी जुगाड़ पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी तैयार किया गया है, बुलगा ग्राम में काफी घरों में वाटर हार्वेस्टिंग टैंक तैयार किया गया है। वहीं कई अन्य ग्रामों में भी पेड़ के जड़ों के साथ जल को अधिक से अधिक संख्या में धरती तक पहुंचाने के लिए वाटर हारवेस्टिंग के तर्ज सिस्टम तैयार करने पहल की गई है, जिस पर लोगों ने काम शुरू किया है। उपरोक्त प्रोजेक्ट पर सरगुजा साइंस ग्रुप द्वारा जन सहयोग से एकत्रित 50,000 रुपये खर्च किया गया है, उपरोक्त रकम विभिन्न लोगों से सहयोग लेकर एकत्रित किया गया, जिसे जल संरक्षण पर खर्च किया गया।
अम्बिकापुर नगर निगम क्षेत्र में भी लोगों को फोन कर उनसे लगातार संपर्क कर वाटर हार्वेस्टिंग घर-घर बनाने के लिए पहल की जा रही है। कुछ लोगों ने इसे गंभीरता से लेते हुए अपने घरों में बनाना शुरू किया तो वहीं जनप्रतिनिधियों का रवैया वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर उदासीन है, संपर्क करने पर वे बनाने की बात तो करते हैं, किन्तु कुछ लोग जो पहले से बनाये हुए हैं, उनका अलावा जिन्होंने नहीं बनाया वे कहते हैं बनाएंगे किन्तु बनाने को लेकर गंभीर नहीं है।